ऋतुस्राव या मासिक के निश्चित समय में गड़बड़ी, दो-तीन महीने के लिए रज:स्राव बन्द हो जाना, फिर अचानक ही बहुत परिमाण में होना, 10-15 दिनों तक थोड़ा-थोड़ा स्राव होते रहना अथवा जल्दी-जल्दी ऋतुस्राव होना – इन सब लक्षणों में निम्नलिखित होम्यो-उपचार लाभकर सिद्ध होते हैं ।
कोनियम 30, 200 – इस औषध के मूल-अर्क की 2 बूंदें नित्य 3 बार सेवन करते रहने से ऋतु की अनियमितता समाप्त होकर नियमित रूप से ऋतुस्राव होने लगता है। यह औषध ऋतु की सभी अनियमितताओं को दूर कर देती है।
पल्सेटिला 6 तथा चायना 6 – इन दोनों औषधियों को पर्यायक्रम में खिलाने पर भी लाभ होता है ।
इग्नेशिया 6, 200 – यदि जल्दी-जल्दी ऋतु हो जाती हो तो इसे देना चाहिए ।
(1) जल्दी-जल्दी ऋतुस्राव होने पर ये औषधियाँ भी लाभ करती हैं – कैल्के-कार्ब, नेट्रम-म्यूर, इपिकाक, बेलाडोना। इन की 30 पोटेंसी की 2 बून्द दिन में 3 बार लें।
(2) यदि बहुत देर से ऋतुस्राव होता हो, तो ये औषधियाँ लाभ करती हैं – कैल्केरिया-कार्ब, पल्सेटिला, सल्फर, लैकेसिस । इन की भी 30 पोटेंसी की 2 बून्द दिन में 3 बार लें।
(3) यदि कई दिनों तक ऋतुस्राव होता रहे तो – ऐकोन, इग्नेशिया, नक्स वोमिका, पल्सेटिला तथा सल्फर – लक्षणानुसार दे ।