मधुमेह का कारण – इसमें शरीर इन्सुलिन हार्मोन की कमी के कारण भोजन के साथ ग्रहण की गई शक्कर का पर्याप्त पाचन नहीं कर पाता है। इसलिये इस रोग में पेशाब के साथ चीनी आती है। इस रोग के मुख्य कारण अधिक बैठे रहने की आदत, अधिक मैथुन, यकृत की खराबी, वंशानुगत, मोटापा भी हो सकते हैं।
मधुमेह का लक्षण – अत्यधिक प्यास, अत्यधिक भूख, मूत्र बार-बार अनावश्यक गति से विसर्जित होना। रोगी के शरीर में संक्रामक रोगों से बचाव करने की शक्ति नहीं रहती है। फोड़ा, फुंसी, खुजली आदि रोग शुरू हो जाते हैं। घाव के भरने में काफी समय लग जाता है। ज्यादा समय तक मधुमेह पर नियंत्रण न रखने से रोगी को उच्च रक्तचाप हो जाता है। कैटरेक्ट होने की सम्भावना होती हैं। आँखों की रोशनी धीरे-धीरे कम होती जाती है।
मधुमेह का इलाज घरेलू आयुर्वेदिक/जड़ी-बूटियों द्वारा
( diabetes treatment sugar ka ilaj )
(1) मधुमेह में प्यास अधिक होने पर पानी में नींबू निचोड़कर पिलाने से लाभ होता है।
(2) मधुमेह में रोगी को नारंगी कम मात्रा में खानी चाहिए।
(3) ताजे आँवले के रस में शहद मिलाकर पीने से मधुमेह ठीक हो जाता है।
(4) मधुमेह के रोगी को जब बहुत तीव्र इच्छा मीठा खाने की हो तो खजूर का सेवन कर सकते हैं।
(5) मधुमेह में करेला महाऔषधि है रोज प्रात: करेले का रस पीने या दिन में तीन बार 15 ग्राम करेले के रस में 100 ग्राम पानी मिलाकर पीने से लाभ होता है। छाया में सुखाये हुए करेलों का चूर्ण 6 ग्राम दिन में एक बार दें। खाने में करेले की सब्जी लें।
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(6) आटे में मेथी का चूर्ण मिलाकर रोटी बनाकर खायें।
(7) रात को आधा छटाँक काले चने दूध में भिगो दें और सवेरे खायें। जौ और चने समान भाग मिलाकर इसके आटे की रोटी सुबह-शाम खायें। केवल बेसन की रोटी ही दस दिन तक खाते रहने से पेशाब में शक्कर जाना बन्द हो जाता है।
(8) यदि बार-बार और अधिक मात्रा में पेशाब आये, प्यास लगे तो आठ ग्राम पिसी हुई हल्दी नित्य दो बार पानी के साथ फंकी लें या आधा चम्मच शहद में मिलाकर चाटें, लाभ होगा |
(9) मधुमेह के रोगी को मीठा खाने की तीव्र इच्छा हो तो अल्प मात्रा में शहद दे सकते हैं।
(10) बबूल की गोंद के पानी को पिलाने से आमाशय और आँतों में होने वाले दर्द में आराम मिलता है। इसके सेवन से मधुमेह भी ठीक हो जाता है।
(11) मधुमेह की बीमारी में नीम की कोंपलें खाने से चीनी की मात्रा कम होती है तथा खून साफ होता है।
(12) जामुन की गुठली 10 ग्राम, गुड़मार चूरा 20 ग्राम, सोंठ 10 ग्राम, तीनों बारीक चूर्ण के रूप में लें। इन्हें ग्वार पाठे के रस में अच्छी तरह मिलाकर छोटी-छोटी गोलियाँ बना लें। दिन में तीन बार एक-एक गोली शहद के साथ सेवन करने से मूत्र में शुगर (शर्करा) की मात्रा धीरे-धीरे कम होती है।
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(13) दाना मेथी पिसी व सूखा करेला पीसकर बराबर मात्रा में चूर्ण बना लें। प्रात: बिना कुछ खाए-पीए दो चम्मच पानी के साथ नित्य लेने से मधुमेह रोग में फायदा होता है।
(14) मधुमेह पर काबू पाने के लिये आम की कोमल पत्तियों को रात भर पानी में भिगो कर सुबह उसी में निचोड़कर पानी पीना चाहिए।
(15) कच्चा केला शुगर में अत्यन्त लाभदायक है।
(16) तीन पत्ते जामुन के लेकर एक पत्ता मुँह में रखकर चबाते जायँ। प्रात: एक किलोमीटर चलकर दूसरा पत्ता चबाएँ दो किलोमीटर चलने के बाद तीसरा पत्ता चबाएँ तो मधुमेह रोग में राहत मिलती है।
(17) मूँगफली के आटे की रोटी मधुमेह में फायदा करती है।
(18) मधुमेह के रोगियों के लिये जामुन अमृत समान है। ऐसे रोगियों को जामुन का सेवन नियमित रूप से करना चाहिए। जामुन को पानी में धोकर इन्हें थोड़े से पानी में उबलने दें।
(19) आँवले और नीबू के रस में शहद मिलाकर खाने से मधुमेह रोग ठीक होता है।
(20) नीबू का मौसम न हो तो सूखे आंवला चूर्ण में शहद मिलाकर चाटना भी लाभकारी है। मधुमेह रोगी को प्यास बुझाने के लिये भी आँवलों का रस ही पीना चाहिये।
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(21) बड़ी हरड़ का छिलका, जामुन की गुठली, गुड़मार और करेले छाँव में सुखा लें। इन्हें कूटपीस कर आँवले के रस में खरल करें। 500 ग्राम करेलों के रस में इस चूर्ण को हल्की आँच पर पाँच-सात बार उबालें। जब करेलों का रस सूखने लगे तो एक-एक गोली (एक-एक ग्राम की) बना लें। सुबह-शाम एक-एक गोली दूध के साथ लेवें।
(22) करेले का रस व सब्जी सबसे उत्तम उपचार है।
(23) लगातार तीन महीने तक करेले की सब्जी घी में बना कर खाने से शुगर में आराम मिलता है।
(24) रात में मेथी के दाने भिगोकर रख दें। सुबह उठकर मेथी के दानों का पानी पीकर धीरे-धीरे मेथी चबा लें। शुगर धीरे-धीरे ठीक हो जाएगी।
(25) रात को काली किशमिश भिगोकर रख दें। सुबह उठकर उसका पानी छानकर पी लें।
(26) केले का रस पीने से भी शुगर ठीक होती है।
(27) आंवले के चूर्ण को भिगोकर कुछ देर रख दें। उसे छानकर उसमें नींबू का रस मिलाकर सुबह उठते ही पी लें।
(28) आम और जामुन का रस बराबर मात्रा में मिलाकर दिन में तीन बार लगातार एक महीने तक लें। फायदा होगा।
(29) सुबह टमाटर, संतरा और जामुन का नाश्ता करें।
(30) जामुन के कोमल हरे पत्तों को पीसकर नियमित 25 दिन तक सुबह पानी के साथ पीने से पेशाब में शुगर जाना बंद हो जाता है।
(31) तेजपत्ते को कूटकर कपड़े से छानकर चूर्ण बना लें। सुबह उठते ही पांच ग्राम की मात्रा में यह चूर्ण गुनगुने पानी के साथ लें। दस दिनों के अंदर शुगर में लाभ होगा ।
(32) आंवला, हल्दी और मेथी तीनों को समान मात्रा में लेकर कूट-पीसकर चूर्ण बना लें इस चूर्ण को सुबह, दोपहर, शाम को पानी के साथ एक चम्मच की मात्रा में लें। दो महीनों के अंदर ही फायदा होता दिखेगा।
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(33) रात्रि को 25 ग्राम चने पानी में भिगो दें। प्रातः उठकर चने को चबा-चबाकर खाएं।
(34) काले चने तथा जौ समभाग पिसवा लें। दोनों समय अर्थात सुबह-शाम उसी आटे की रोटी खाएं।
(35) शलगम का सलाद तथा शलगम की ही तरकारी प्रतिदिन खाएं।
(36) गेहूं के चोकर का पतला हलुवा (शीरा) शक्कर के बिना खाएं।
(37) ताजे करेले का रस निकालकर 5 ग्राम प्रतिदिन पीने से मधुमेह दूर हो जाता है। हांलाकि यह रस बहुत कड़वा होता है।
(38) व्यायाम नियमित करें व भोजन पर नियंत्रण रखें।