डॉक्टर बोरिक के अनुसार यह औषधि बच्चों के उदरशूल, स्नायविक, सिर-दर्दों, वातोन्माद (hysteria), उदर रोगों (abdominal complaints) दर्दों, जांघों के लचीलेपन, शरीर में स्फुरण (twitching) और चिल्लाने आदि विकारों में प्रयुक्त की जाने वाली एक प्रमुख औषधि है। यह कमोमिला और मैग्नीशिया फास्फोरिका से मिलती जुलती है।
मात्रा – मूलार्क की 3 बूंदों से लेकर 10 बूंदों तक।