कृमि रोग सामान्यत: कब्ज करने वाले भोजन, मांस तथा खट्टे-मीठे पदार्थों के अधिक सेवन से हो जाते हैं। इनके कारण शरीर में ज्वर, पेट दर्द, मंदाग्नि, रक्ताल्पता, मिचली, चक्कर आना, दस्त लगना आदि लक्षण उत्पन्न होते हैं।
पेट में कीड़े का कारण – अधिक मीठा भोजन करने, अधिक पका केला तथा अधिक कच्चे फलों का सेवन व गन्दे स्थानों के निवास के कारण यह रोग होता है।
पेट में कीड़े का लक्षण – सूत की तरह कृमि, केंचुए की भाँत कृमि या चिपटी कृमि और फीते की तरह कृमि होते हैं। कृमि होने पर गुदा मार्ग व नाक में खुजली होती है। अजीर्ण, कम या अधिक भूख लगना, नींद कम आना, पेशाब सफेद आना, चिड़चिड़ा स्वभाव व दुर्बल शरीर आदि लक्षण प्रकट होते हैं।
पेट के कीड़े का घरेलू इलाज
( pet ke kide ka gharelu ilaj )
– करेले का ताजा रस दो या ढाई तोला लेकर उसमें नीम का रस, लहसुन का रस, बायबिडंग का चूर्ण 3-4 माशा, इनमें से कोई भी एक रस या चूर्ण इसके रस के साथ पीने से पेट के कीड़े मर जाते हैं।
– अखरोट की छाल का काढ़ा पीने से पेट के कीड़े मर जाते हैं।
– पोदीना 30 ग्राम के साथ 10 काली मिर्च पीसकर एक गिलास पानी में घोलकर पीने से पेट के कीड़े मरकर निकल जाते हैं।
– पेट के कीड़े समाप्त करने में अनार बहुत लाभप्रद है। इसके जड़ की छाल 50 ग्राम को 250 ग्राम पानी में उबालें। जब 50 ग्राम पानी बचे तो उसे बासी मुंह लगातार तीन दिन पिलाने से तथा चौथे दिन कोई रेचक देने से कीड़े निकल जाते हैं।
– आधा ग्राम अजवायन के चूर्ण में चुटकी भर काला नमक मिलाकर रात के समय गर्म पानी के साथ पीने से पेट के कीड़े नष्ट हो जाते हैं।
– नीम की पत्तियों का रस एक चम्मच शहद मिलाकर नित्य दो बार पीने से कीड़े नष्ट हो जाते हैं।
– हल्दी आधा चम्मच पिसी हुई को गर्म पानी से एक सप्ताह लेने से कीड़े नष्ट हो जाते हैं।
– लहसुन की चटनी खाने से कीड़े पैदा नहीं होते हैं।
– बायबिडंग को पीसकर सुबह-शाम आधा-आधा चम्मच शहद से चाटने से कीड़े जड़ मूल से खत्म हो जाते हैं।
– सवेरे सन्तरे का रस पीने से कीड़ों का नाश होता है।
– पेट के कीड़े छाछ में नमक और कालीमिर्च मिलाकर पीने से नष्ट हो जाते हैं।
करेला – पेट में कीड़े होने पर करेले का रस पीना अच्छा रहता है।
छाछ – छाछ में नमक मिलाकर प्रात:काल पीने से कृमि मर जाते हैं।
तुलसी – 10 ग्राम पान का रस एवं 10 ग्राम तुलसी का रस – दोनों को मिलाकर प्रतिदिन सुबह के समय पीने से पेट के कीड़े मर जाते हैं। 5-10 वर्ष तक के बच्चों को पान का रस तथा तुलसी का रस 5-5 ग्राम एवं 5 वर्ष से छोटे बच्चों को 2.5-2.5 ग्राम देना चाहिए।
नीम – नीम का तेल 5 बूंद तक बालकों को (आयु के अनुसार) देने से पेट के कृमि मर जाते हैं।
शहद – शहद एक भाग तथा दही दो भाग – दोनों को मिलाकर कुछ दिनों तक लेते रहने से पेट के कीड़े मरकर शौच के साथ बाहर निकल जाते हैं। त्रिफला (हरड़, बहेड़ा, आंवला), बायबिडंग एवं छोटी पीपल के चूर्ण में माक्षिक शहद मिश्रित कर चाटने से भी पेट के कीड़े मर जाते हैं।
दही – दो भाग दही और एक भाग शहद-दोनों को मिलाकर चाटने से कृमि मरकर मल के साथ बाहर निकल जाते हैं।
हींग – कभी-कभी छोटे बच्चों की गुदा में कृमि (कीड़े) रेंगते हुए दिखाई देते हैं। ऐसी स्थिति में हींग को पानी में घोलकर रूई का फाहा भिगोकर गुदा पर रखने से सारे कृमि नष्ट हो जाते हैं।
नीबू – नीबू के बीज का चूर्ण बनाकर पानी के साथ सेवन करें। इससे भी पेट के सभी कृमि नष्ट हो जाएंगे।
सेब – दो सेब रोज रात को कुछ दिनों तक खाने से कृमि मरकर मल के साथ बाहर आ जाते हैं। सेब खाने के बाद रातभर पानी न पिएं।
हल्दी – हल्दी का काढ़ा बनाकर पिएं। पेट के कीड़े मर जाएंगे।
आम – 2 ग्राम आम की गुठली का चूर्ण गरम पानी के साथ लेने से पेट के चुन्ने (कीड़े) मर जाते हैं।
अांवला – 1 औस ताजे आंवले का रस नित्य 5 दिनों तक पीने से भी पेट के कृमि नष्ट हो जाते हैं।
टमाटर – लाल टमाटरों पर कालीमिर्च एवं नमक डालकर सुबह खाली पेट खाने से कृमि मर जाते हैं।
प्याज – पेट में कृमि होने पर प्याज का रस एक-एक चम्मच 2-2 घंटे में पिलाने से भी कीड़े मर जाते हैं।
अनार – अनार का रस पीने से पेट के कीड़े, दस्त, यकृत आदि रोगों में बहुत लाभ होता है।
अनन्नास – बायबिडंग, अजवायन तथा छुहारा – तीनों वस्तुओं का समभाग चूर्ण बना लें। 6 ग्राम चूर्ण में थोड़ा-सा शहद मिलाकर अनन्नास के रस के साथ दिन में दो बार खिलाएं। 2-3 दिनों में बच्चों के पेट के कीड़े मर जाएंगे।
पपीता – पपीते के 10 बीज जल में पीस लें। फिर उसे चौथाई कप पानी में मिलाकर पिएं। एक सप्ताह तक इसे पीते रहने से पेट के कीड़े मर जाते हैं।
शहतूत – शहतूत शरीर की जलन, अधिक प्यास, पेट के कीड़ों, कफ, जुकाम, गले के रोग आदि का नाश करता है। यह पाचन शक्ति भी बढ़ाता है।
पुदीना – नियमित रूप से पुदीने का रस पीने से पेट के कीड़े मर जाते हैं तथा वायु सम्बंधी गड़बड़ी भी दूर हो जाती है।
लहसुन – शहद और लहसुन की कली खाने से 2 माह में ही पेट के समस्त कीड़े मर जाते हैं।
बथुआ – एक कप बथुए का रस निकाल लें। उसमें थोड़ा-सा नमक मिलाकर प्रतिदिन पीने से पेट के कीड़ों का नाश हो जाता है।
पेठा – पेट में कीड़े होने पर पेठे का सेवन करें इससे पेट के कीड़े मर जाते हैं पेठे की मिठाई तपेदिक (टी.बी.) के रोगियों के लिए हितकर है। इससे भूख खुलकर लगती है।
परवल – परवल की सब्जी खाने अथवा परवल का रस पीने से पेट के कीड़े मरकर बाहर निकल जाते हैं।
राई – पेट में कीड़े पड़ जाने पर थोड़ा-सा राई का आटा गोमूत्र के साथ सेवन करने से कीड़े समाप्त हो जाते हैं।
अजवायन – रोगी बच्चे को पिसी अजवायन छाछ (मट्ठा) के साथ कुछ दिनों तक नियमित रूप से देते रहने पर पेट के समस्त कीड़े मर जाते हैं।
कालीमिर्च – 1 ग्राम पिसी कालीमिर्च का सेवन 1/4 लीटर छाछ (मट्टे) के साथ करें। पेट के कीड़े मरकर बाहर निकल जाएंगे।
अखरोट – बच्चे के पेट में कीड़े होने पर उसे अखरोट की गिरी रोज खिलाएं। सारे कीड़े मल के साथ बाहर निकल जायेंगे।
नारियल – पेट में कीड़े होने पर नारियल का पानी पियें। तत्पश्यात कच्चे नारियल खाएं। पेट के कीड़े निकल जायेंगे।
गुड़ – नीम की छाल को पानी में आठवां हिस्सा शेष रहने तक उबालें। फिर इसमें गुड़ घोलकर रात को सोते समय पी जाएं। ऐसा तीन रात तक करने से ही पेट के कीड़े मरकर मल के साथ बाहर निकल जाएंगे।
पानी – बच्चों के पेट के कीड़े दूर करने के लिए ठंडे पानी का उपयोग नित्य दो-तीन बार कराएं।
चम्पा – चम्पा के वृक्ष की छाल का काढ़ा रोज रात को पीने से पेट के कीड़े मरकर बाहर निकल जाते हैं।
केसर – केसर और कपूर दोनों को खरल करके 125 मि.ग्रा दूध के साथ देने से बालकों के पेट के कीड़े नष्ट हो जाते हैं।
दूध और शहद – पेट में कीड़े पड़ जाने पर कड़वी-कसैली दवाएं खाने के बजाय दूध में शहद मिलाकर पीना शुरू करें। कीड़े मर-खप जायेंगे और आराम आ जायेगा।