निमोनिया के कारण – फेफड़े में प्रदाह हो जाने को निमोनिया कहते हैं। शुरू में ठण्ड लग जाने से फेफड़े में सूजन हो जाती है और साँस लेने में तकलीफ होती है। दूसरी अवस्था में बलगम बन जाता है और सारे फेफड़े में फैल जाता है। दोनों फेफड़ों में सूजन हो जाये तो डबल निमोनिया कहलाता है। रोग भयंकर हो तो फेफड़े साफ न होकर फेफड़ों में बलगम बढ़ जाता है। हाथ पैर ठण्डे हो जाते हैं और रोगी की मृत्यु हो जाती है।
निमोनिया के लक्षण – तेज ज्वर बढ़ता है। पसलियों में पीड़ा होती है। सिरदर्द, पैरों में दर्द, छाती में हल्का-सा दर्द, बेचैनी, प्यास अधिक लगना, जीभ सूखी-सी, काली-सी हो जाती है, श्वास लेने में कष्ट होता है, खाँसी होना आदि लक्षण प्रकट होते हैं।
निमोनिया का इलाज घरेलू आयुर्वेदिक/जड़ी-बूटियों द्वारा
– निमोनिया होने पर 2 रत्ती हींग एक मुनक्का में भर कर रोगी को कुछ दिन खिलाते रहें। न्यूमोनिया ठीक हो जायेगा।
– अदरक की एक गाँठ और इक्कीस पत्ते तुलसी के पीसकर रस निकाल लें और शहद मिलाकर चटा दें। दस-बारह दिन भर में दें।
– बच्चों को निमोनिया, श्वास आदि स्थिति में थोड़ी-सी हींग पानी में घोलकर पिलायें। इससे कफ पतला होकर निकल जाता है। दुर्गंध और कीटाणु नष्ट हो जाते हैं।
– निमोनिया में लहसुन का रस एक चम्मच गर्म पानी में मिलाकर पिलाना गुणकारी है। इससे सीने का दर्द कम होता है।
– इस रोग में पाचन अंग भली प्रकार कार्य करने के अयोग्य हो जाते हैं। उबले हुये पानी के गिलास में शहद डालकर रोगी को गरमा-गरम पिलाते रहने से रोगी दुर्बल नहीं होता तथा सीने और पसलियों पर शहद की मालिश करें।
– 20 तुलसी के हरे पत्ते और 5 काली मिर्च पीसकर पानी में मिलाकर पिलाने से निमोनिया में पिलाने से लाभ होता है।
– निमोनिया हो जाने पर तारपीन के तेल में कपूर मिलाकर रोगी की छाती पर मलने से शीघ्र आराम मिलता है।
निमोनिया का बायोकेमिक व होमियोपेथिक इलाज
एकोनाइट 30 – रोगी घबराहट एवं बेचैनी महसूस करता है। थोड़ी-थोड़ी देर बाद खांसी उठती है। साँस लेने में दिक्कत होती है।
सल्फर 30 – यदि उपर्युक्त औषधि से विशेष लाभ न हो तो इस औषधि का प्रयोग करना चाहिए।
फॉस्फोरस 30 – रोगी को प्रत्येक समय आलस्य बना रहे। कफ काले अथवा मटमैले रंग का निकले तो दें।
कार्बोवेज 6 – रोगी को साँस लेने में कठिनाई हो। रोगी ठण्डा पड़ता जाये। बेहद कमजोरी महसूस करे। ऐसी स्थिति में यह औषधि उपयोगी है।
नेट्रम सल्फ 6x व काली सल्फ 6x में लेते रहें।