यह अंगूर, अनानास और अन्य फलों में पाया जाता है। यह एक antiscorbutic antiseptic है जोकि श्लेष्मा और लार स्राव को उत्तेजित करता है।
उदरामय के साथ अत्यन्त दुर्बलता और कै होना, गले व पाकस्थली में जलन, पुट्ठा कड़ा, नाभि के चारों तरह दर्द, घने हरे रंग की कै।
उदरामय, कॉलेरा या अन्य किसी रोग में क्रमशः कै-पाखाना जिस किसी प्रकार का क्यों न हो, टार्टरिक एसिड के सेवन करने से जरूर फायदा होता है।
मात्रा – 3x, 6 शक्ति।