वैनेडियम मेट दवा की क्रिया ऑक्सीजन वाहक और उत्प्रेरक के रूप में होती है, इसलिए इसका उपयोग दम फूलना, सांस लेने में दिक्कत जैसी बीमारियों को नष्ट करने में किया जाता है। हीमोग्लोबिन की मात्रा बढ़ाने के साथ यह ब्लड में ऑक्सीज़न लेवल को भी बढ़ाता है, विषाक्त पदार्थों के साथ ऑक्सीजन को जोड़कर उनके विषाणु को नष्ट करता है। फागोसाइट्स ( phagocyte ) को भी बढ़ाता और उत्तेजित करता है। जिगर अर्थात लिवर और धमनियों के डिजेनेरेशन की स्थिति में भी यह दवा अच्छा काम करता है । भूख में कमी और गैस्ट्रो के पेट में जलन के लक्षण; मूत्र में एल्बमेन और रक्त आने में लाभकारी है। कभी-कभी रक्तस्राव के साथ खांसी सूखी, गले में जलन, तपेदिक, पुरानी गठिया, मधुमेह रोगियों में एक टॉनिक के रूप में कार्य करता है। सीने पर गंभीर दबाव, सांस धीमा पड़ना, सांस फूलने की समस्या में विशेष रूप से अच्छा कार्य करता है।
वैनेडियम मेट होम्योपैथिक दवा के लाभ
- छाती में जमाव और जकड़न से राहत दिलाता है और बेहतर तरीके से सांस लेने में मदद करता है।
- ब्लड में ऑक्सीजन लेवल को बढ़ाता है।
- जिगर और गुर्दे के नुकसान के उपचार में अत्यधिक उपयोगी दवा है
- इसका इस्तेमाल रक्त में हीमोग्लोबिन को बढ़ने में होता है।
- ब्लड से सभी विषाक्त पदार्थों को निकालता है और हृदय रोगों से भी बचाव करता है
- भूख की कमी और पेट के मुद्दों के उपचार में उपयोगी
- यह पाचन में सुधार करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है और भूख को उत्तेजित करने में मदद करता है
- खांसी, सर्दी और बुखार के उपचार में अच्छा कार्य करता है।
- यह गठिया से जुड़े दर्द से आराम पाने के लिए उत्कृष्ट दवा है
वैनेडियम मेट तो ऑक्सीजन लेवल को बढ़ाता ही है परन्तु अगर उसके साथ आप इन 3 दवा को भी इस्तेमाल करें तो बहुत जल्दी लाभ मिल जाता है।
कार्बो वेज 30 – 2 बून्द दिन में 3 बार जीभ पर टपकाना है।
एस्पिडोस्पर्मा Q – 10 बून्द थोड़े पानी के साथ दिन में 3 बार पीना है।
कोका 30 – 2 बून्द दिन में 3 बार जीभ पर टपकाना है।
वैनेडियम मेट 30 ( वैसे 6 और 12 ch ज्यादा लाभ देता है पर मिलता कम है, मिले तो 6 या 12 ch, न मिले तो 30 ch ) – 2 बून्द दिन में 3 बार जीभ पर टपकाना है।
इसके इस्तेमाल से 4-5 घंटे में ही फर्क पता लगने लगेगा।
वैनेडियम मेट का खुराक – 6-12 शक्ति।