इस पोस्ट में मूत्राशय में सूजन, शोथ, पेशाब करने में समस्या का होम्योपैथिक दवा बताया गया है।
कैंथरिस 6, 30 – यह मूत्राशय के पुराने शोथ की सर्वोत्तम औषध है। इसकी 2 बून्द दिन में 3 बार लें।
बैंजोइक एसिड 3, 6 – यदि पेशाब में घोड़े के पेशाब जैसी गन्ध आती हो तो इसे देने से लाभ होता है । यही लक्षण नाइट्रिक एसिड का भी है।
पल्सेटिला 30 – रात को सोते समय बिस्तर पर पेशाब निकल जाने के लक्षण में लाभकारी है ।
चिमाफिला Q, 3 – यदि उक्त औषधियों से लाभ न हो तो इस औषध का प्रयोग करना चाहिए। पेशाब आने की इच्छा का निरन्तर बने रहना, पेशाब को रखने पर उसमें काफी तलछट बैठ जाना, पेशाब करते समय जलन होना, पेशाब करने के बाद भी जोर लगाने की आवश्यकता, पेशाब में सूतदार रक्त का आना, रोगी का टाँगे चौड़ा कर खड़े होकर तथा आगे के ओर झुकने के बाद ही पेशाब कर पाना, अन्यथा पेशाब का न होना-इन लक्षणों में यह औषध लाभकर सिद्ध होती है ।
एकोनाइट 6, 30 – यदि मूत्राशय के शोथ के साथ ज्वर भी हो तो इस औषध का प्रयोग करना उचित रहता है ।