प्रकृति – शीतल और गर्म। इसका रस शरीर व आत्मबल बढ़ाता है। गाजर में शरीर के लिए पोषक तत्व होते हैं। इनमें कोशों एवं धमनियों को संजीवन करने की क्षमता होती है। गाजर के रस में जीवनदायिनी शक्ति है। बीमारियाँ जिनमें मीठा लेना निषेध होता है, जैसे मधुमेह आदि को छोड़कर प्राय: प्रत्येक रोग में गाजर सेवन की जा सकती है। गाजर खाने की अपेक्षा इसका रस पीना अधिक लाभदायक है। गाजर क्षारप्रधान एवं पौष्टिक गुणों से सम्पन्न है। गाजर के हरे पत्तों की सब्जी बनती है। गाजर की सब्जी बनाते समय पानी नहीं फेंके।
फल-सब्जियों में मिलने वाले खनिज लवण फल-सब्जियों को खाने से कुदरती रूप में हमारे शरीर में पहुँच जाते हैं। शरीर के कोशाणुओं का निर्माण खाद्य पदार्थों से प्राप्त होने बाले खनिज लवणों से होता है। हमारे शरीर की सफाई शरीर से निकलने वाले पसीने, मल, मूत्र, कफ से होती है। शरीर में खनिज लवण नहीं पहुँचने से शरीर की सफाई पूर्ण-रूपेण नहीं होती।
सब्जियाँ जैसे गाजर, मूली, टमाटर से प्राप्त खनिज लवण पाचक, रोग-निवारक और सौन्दर्यवर्धक होते हैं। इनके लवण अम्लता के दुष्प्रभावों को नष्ट करते हैं और क्षारीयता बढ़ाते हैं। क्षारीय होने से गाजर रक्त साफ करती है। क्षार शरीर को स्वस्थ रखते हैं। इन सब्जियों में शरीर के लिए आवश्यक सभी खनिज लवण मिलते हैं।
कच्ची गाजर चबाकर खाने से सर्वाधिक लाभ होता है। गाजर की पत्तियों की सब्जी खानी चाहिये। गाजर की पत्तियों में गाजर से 6 गुना अधिक लोहा होता है। गाजर के गुण दूध, कॉड लिवर अॉयल और लाल पाम के तेल के गुणों के समान होते हैं। जो लोग कॉड लिवर ऑयल लेना नहीं चाहते हों, वे गाजर से समान लाभ ले सकते हैं। गाजर और सेब के गुण भी मिलते-जुलते हैं।
गाजर को आरोग्य शक्ति – सदा काम करते रहने से शरीर क्षीण होता रहता है। इस क्षीणता की पूर्ति गाजर में निहित तत्वों से हो जाती है फलत: रोग अनायास ही दूर हो जाते हैं। गाजर का रस पीने से पाचन संस्थान मजबूत होता है। मल में दुर्गन्ध और विषैले कीटाणु नष्ट हो जाते हैं।
गाजर के गूदे के बीच में सख्त लम्बी लकड़ी होती है, जिसे गाजर की हड्डी कहते हैं, इसमें बीटा-कैरोटिन नामक औषधीय तत्व पाया जाता है। यह कैंसर पर नियंत्रण करने में उपयोगी है। लम्बी बीमारी भोगने के बाद उसकी क्षतिपूर्ति करने में गाजर का रस बहुत ही प्रभावकारी है। इससे रोगी चुस्त, ताजगी से भरपूर और शक्तिशाली बनता है।
गाजर कई रंग की होती है। सभी प्रकार की गाजरों के गुण समान होते हैं। काली गाजर में लोहा अधिक होने से यह सबसे अच्छी होती है। पतली और छोटी गाजर स्वादिष्ट, पौष्टिक और गुणों से भरपूर होती है।
गाजर का रस – गाजर और पालक के रस में सिका हुआ जीरा, काला नमक मिलाकर पीने से गुणवत्ता बढ़ जाती है। गाजर का रस हर प्रकार के ज्वर, दुर्बलता, नाड़ी सम्बन्धी रोग, निराशा की अवस्था में लाभदायक है। सर्दी के मौसम में गाजर के सेवन से शरीर गर्म रहता है और सर्दी से बचाव होता है। विभिन्न रोगों से ग्रस्त लोग भोजन के रूप में जब गाजर का रस लेते हैं तो उनके स्वास्थ्य में तेजी से सुधार होता है।
गाजर में दूध के समान गुण हैं। गाजर का रस दूध से भी उत्तम है। दूध नहीं मिलने पर गाजर सेवन करके दूध के सारे गुण प्राप्त किये जा सकते हैं। गाजर में माता के दूध के समान ही खनिज लवण होते हैं।
यौन शक्तिवर्धक – गाजर वीर्यवर्धक है। गाजर पौरुष-शक्ति को बढ़ाती है तथा वीर्य को गाढ़ा करती है। गाजर सर्दी के मौसम में आती है। प्रकृति के उपहार गाजर का रस नित्य पियें। दम्पति के मिलन के लिए सर्दी का मौसम ही सुहावना होता है। गाजर का नित्य सेवन करें और विवाहित जीवन के आनन्द का भोग करें। (1) गाजर के रस में शहद मिलाकर पीने से यौन-शक्ति बढ़ती है, वीर्य गाढ़ा होकर शुक्राणु सशक्त हो जाते हैं। इसे नित्य खाने से शरीर स्वस्थ रहता है। (2) गाजर के छोटे-छोटे टुकड़े 150 ग्राम, तीन कली लहसुन, पाँच लौंग लेकर सबकी चटनी बनाकर नित्य एक बार सुबह खायें। रात को सोते समय एक गिलास दूध पियें। (3) गाजर, अाँवला के मिश्रित रस में काला नमक मिलाकर नित्य पियें। इससे पेशाब के साथ लेसदार पदार्थ भी नहीं निकलेगा। (4) गाजर कददूकस करके दूध में उबालकर नित्य लें।
रक्तवर्धक – गाजर, पालक, चुकन्दर का मिश्रित रस एक-एक गिलास नित्य दो बार पीने से रक्त बढ़ता है।
नेत्रज्योति कम होना – विटामिन ‘ए’ की कमी से नेत्रज्योति कमजोर होते-होते व्यक्ति अंधा भी हो सकता है। गाजर विटामिन ‘ए’ का भण्डार है। लम्बे समय तक गाजर, पालक का एक गिलास रस पीते रहने से चश्मा भी हट सकता है। पालक और गाजर, प्रत्येक का रस समान मात्रा में मिलाकर नित्य दो बार पियें । केवल गाजर का रस पीने से भी लाभ होगा।
गुहेरी (Stye) – एक-एक गिलास गाजर का रस नित्य दो बार पियें। गुहेरी ठीक हो जायेगी तथा बार-बार गुहेरी होना भी बन्द हो जायेगा।
बाल झड़ना – गाजर, प्याज, हरा धनिया की सलाद नित्य खाने से बाल झड़ना बन्द हो जाता है। इस सलाद से फॉस्फोरस अधिक मिलता है, जो बाल झड़ना रोकता है। गाजर+पालक के रस का एक गिलास नित्य पीने से बहुत लाभ होता है।
गर्भपात (Abortion) – एक गिलास दूध और एक गिलास गाजर का रस मिलाकर उबालें। उबलते हुए आधा रहने पर नित्य पीती रहें। गर्भपात नहीं होगा। जिनको बार-बार गर्भपात होता हो, वे गर्भधारण करते ही इसका सेवन आरम्भ कर दें।