स्त्रियों के स्तनों में फोड़ा हो जाने पर लक्षणानुसार निम्नलिखित औषधियों का प्रयोग करना चाहिए :-
ब्रायोनिया 30 – स्तनों पर फोड़े की प्रथमावस्था, दर्द, कठोरता एवं स्तनों में तनाव के लक्षणों में इस औषध को देने से फोड़ा दब जाता है तथा रोग आगे नहीं बढ़ पाता।
फाइटोलैक्का 3 – यदि ‘ब्रायोनिया’ के प्रयोग से 24 घण्टे के अन्दर लाभ न हो तो इसे देना चाहिए ।
बेलाडोना 3 – यदि दर्द में तीव्रता आ जाय, कठोरता बहुत अधिक न हो तथा स्तन के केन्द्र-बिन्दु से स्तन के घेरे तक लाल रंग की रेखाएं फैली हुई हों तो इसे देना चाहिए ।
हिपर-सल्फर 6 – यदि फोड़े में पस पड़ गया हो तो इस औषध को देना चाहिए। साथ ही ‘कैलेण्डुला मूल-अर्क’ की 15 बूंदों को एक औंस गरम पानी में डालकर, लोशन बना लें तथा उस गरम लोशन द्वारा सेंक भी करें ।
साइलीशिया 30 – हिपर के बाद जख्म भरने के लिए इसे दें।
टिप्पणी – स्तनों के ‘भगंदर’ में ‘साइलीशिया’ तथा ‘फास्फोरस’ दोनों ही लाभकर हैं । जब स्तनों में फोड़ा बन चुका हो, तब इनमें से किसी का भी प्रयोग किया जा सकता है ।