बहुत जोर से गाना, रोना-चिल्लाना, सर्दी लगना, ज्यादा ठंडे पदार्थ खा लेना आदि कारणों से स्वर-भंग हो जाता है। इसमें रोगी की आवाज धीमी पड़ जाती है । इसे गला बैठ जाना भी कहते हैं ।
कॉस्टिकम 200 – सर्दी लगने की वजह से स्वर-भंग हो जाने पर सर्वप्रथम इसी दवा का प्रयोग करें, जरूर लाभ होगा ।
कार्बोवेज 6, 30 – सर्दी-खाँसी, सुबह और शाम के वक्त रोग बढ़ जाने पर इसका प्रयोग करें |
हिपर सल्फर 6, 200 – गला घरघराने पर लाभप्रद है ।
आर्निका 6, 30 – अत्यधिक रोना-चिल्लाना, गाना गाने की वजह से स्वर-भंग हो जाने पर प्रयोग करनी चाहिये ।
आयोडम 200 – कमजोरी के कारण गला बैठ जाने पर लाभप्रद है ।
कैमोमिला 30 – गले में जलन, प्यास, खाँसी, जुकाम आदि लक्षणों के साथ स्वर-भंग होने पर लाभदायक हैं ।
डल्कामारा 30 – सदी व ठण्ड लगने के कारण रोग होने पर देनी चाहिये।