प्रकृति – इसका स्वभाव ठण्डा होता है। यह एक क्षारप्रधान फल है।
इसमें सोडियम भी पाया जाता है, जिसकी सहायता से शरीर में लौह तत्व पहुँचते हैं और पेशियाँ लचीली बनती हैं। शीतल होने के कारण यह तृष्णानाशक तो होती ही है साथ ही अम्लपित्त (Acidity) भी भगाती है। ककड़ी खाने से पेशाब की जलन दूर होती है।
मूत्रस्रावक – ककड़ी का रस लेने से मूत्र अधिक बनता है तथा मूत्र अधिक मात्रा में आता है। गर्मी से होने वाले पेशाब के कष्ट में ककड़ी काटकर शक्कर डालें, फिर उस पर नीबू निचोड़कर खायें। शराब का नशा ककड़ी खाने से उतर जाता है।
चेहरे की त्वचा चिकनी (Oily skin) हो तो तर ककड़ी या खीरा रगड़े फिर पानी से धोयें। चेहरे की चिकनाई दूर हो जायेगी।
ककड़ी भारी और पेट में गैस पैदा करने वाली होती है।
पायोरिया – ककड़ी खाने, इसका रस पीने से पायोरिया में लाभ होता हैं।
अाँखों के काले घेरे – ककड़ी का रस सुरक्षित तरीके से सूखी, गहरी और मृत त्वचा कोशिकाओं को हटाता है। अाँखों के नीचे की त्वचा अति संवेदनशील होती है। आयु, वातावरण और तनावयुक्त जीवनशैली से बहुत-से नकारात्मक प्रभाव पड़ते हैं, जिससे इस संवेदनशील क्षेत्र में सूखापन और पिगमेंटेशन बढ़ता है। अाँखों के आसपास जहाँ कहीं भी काले घेरे हों, उन पर ककड़ी का रस नित्य तीन बार लगायें। सावधानी रखें कि रस आँखों में नहीं जायें। ककड़ी नित्य लम्बे समय तक खायें। आँखों के काले घेरे ठीक हो जायेंगे।
वृक्क (Kidney) – गाजर व ककड़ी, ककड़ी और शलजम का रस पीने से वृक्क रोग ठीक हो जाते हैं।
दाग, धब्बे – ककड़ी का रस त्वचा का रंग साफ करता है। चेहरे पर दाग, ताँबे के रंग के धब्बे, मुँहासे हों तो नित्य ककड़ी का एक गिलास रस पियें।
केशवर्धक – ककड़ी में सिलिकॉन (Silicon) और सल्फर अधिक मात्रा में मिलते हैं जो बालों को बढ़ाते हैं। ककड़ी के रस से बालों को धोयें। ककड़ी, गाजर, सलाद (Lettuce) और पालक, सबको मिलाकर रस पीने से बाल बढ़ते हैं। यदि ये सब उपलब्ध नहीं हों तो जो मिलें वे ही मिलाकर रस बना लें। इससे नाखून गिरना भी बन्द हो जाते हैं।
वात (Rheumatism) – यूरिक अम्ल शरीर में अधिक होने से वात रोग हो तो ककड़ी और गाजर का रस आधा-आधा गिलास मिलाकर पीने से लाभ होता है। केवल ककड़ी का रस भी पी सकते हैं।
रक्तचाप – ककड़ी में पोटेशियम तत्व बहुत मिलते हैं। ककड़ी का रस उच्च एवं निम्न, दोनों रक्तचापों में पीना लाभदायक है।
ककड़ी छिलके सहित कच्ची ही खानी चाहिए। ककड़ी पर नमक न डालें। ककड़ी खाने से पाचन-क्रिया अच्छी रहती है।