सोरायसिस का होम्योपैथिक इलाज
सबसे पहले समझने की जरुरत है कि सोरायसिस क्या है, सोरायसिस एक प्रकार का चर्म रोग है जिसमे त्वचा के ऊपर एक मोटी परत जम जाती है। सोरायसिस बहुत लम्बे समय तक चलने वाली बीमारी है, ऐसा देखा गया है कि 5 साल, 10 साल और कभी-कभी आजीवन यह रोग हमारे शरीर में रहता है। इसमें हमारे शरीर के सेल दूसरे सेल को मारने लगते हैं और इसके कारण की कुछ लक्षण उत्पन्न होते हैं जिन्हे सोरायसिस कहा जाता है। ये फैलने वाला रोग नहीं है अर्थात यह रोग एक इंसान से दुसरे इंसान को नहीं हुआ करता।
सबसे मुख्य लक्षण ये है कि त्वचा में लाल धब्बे बनने लग जाते हैं जोकि पपड़ी जैसी त्वचा पे चिपकी रहती है और उसमे खुजली होती है। यह रोग बच्चा, जवान या बूढ़ा किसी को भी हो सकता है। यह रोग ज्यादातर गर्दन के पीछे, हाथ की हथेलियों पर, घुटने, कोहनी और पीठ पर होता है।
सोरायसिस का कारण
सोरायसिस होने का कारण अभी तक ज्ञात नहीं हो पाया है लेकिन कुछ चीजें हैं जिससे यह रोग हो सकता है :-
चोट लगना – स्किन पे चोट लगने के कारण उस जगह या उसके आस-पास सोरायसिस हो जाता है।
मानसिक तनाव – अगर आप ज्यादा चिंता करते हैं तो सोरायसिस होने की संभावना बढ़ जाती है।
मादक पदार्थ – स्मोकिंग, अल्कोहल और कॉफ़ी का ज्यादा सेवन भी सोरायसिस का कारण हो सकती है।
दवाओं का साइड इफेक्ट – अगर आपके सोरायसिस का कारण आपका दवा है तो उसे तुरंत बंद कर दें और अपने चिकित्सक से सलाह लें।
सोरायसिस के लक्षण
सोरायसिस में खुजली होती है, अगर सोरायसिस सिर में है तो वो डैन्ड्रफ की तरह दिखेगा। इसमें त्वचा ड्राई होती है और फटने लगती है। स्किन का परत मोटी हो जाती है। अगर सोरायसिस नाखुन में हो जाए तो नाखुन का रंग बदल जायेगा और जड़ से टूट का निकल जायेगा।
Psoriasis Case Study 1
इस लेख में हम सोरायसिस के एक केस की चर्चा करेंगे और पेशेंट के पूरे लक्षण को समझने का प्रयास करेंगे।
यह 40 वर्षीय पुरुष जिसे पिछले 8 वर्षों से पैर, हाथ, पीठ पर सोरायसिस थी। मानसिक लक्षण पूछने पर पता लगा कि :-
वो वर्कहॉलिक हैं। उन्होंने कहा कि मुझे काम में लगे रहना पसंद है। मैं अपने काम पर काफी केंद्रित हूं और अपने लक्ष्य को पाने के लिए कोई समझौता नहीं करता।
मैं वही करता हूं जिसकी जरूरत होती है। मैं अपने परिवार के लिए कुछ अच्छा करना चाहता हूं।
मैं अपनी क्षमता और ज्ञान को जानता हूं मैं इसका पूरा उपयोग करना चाहता हूं और मुझे पता है कि इसे कहां और कैसे लागू करना है।
मेरे बिजनेस के लिए पैसा जरूरी है लेकिन मैं सफलता के लिए कुछ भी गलत नहीं करता हूं। अगर मैं अपने कर्मचारियों पर गुस्सा हो जाता हूं, तो कुछ भी गलत बोल देता हूँ, बाद में पछतावा भी होता है।
अपने व्यवसाय के बारे में उन्होंने काफी बातें शेयर की। उनके शरीर पर हर जगह पपड़ी और धब्बे दिख रहे थे। मैंने उनसे पपड़ी और धब्बे के बारे में पुछा तो उन्होंने बताया कि मैं इन सब चीजों की बिल्कुल परवाह नहीं करता।
मुझे अपने खाने और सोने के लिए मुश्किल से समय मिलता है। कभी-कभी मुझे लगता है कि मैं वह व्यक्ति नहीं हूँ जो मैं हुआ करता था। शायद मैं पहले से अधिक काला हो गया हूं और खराब दिखने लगा हूँ। कभी-कभी मैं खुद को राजा महसूस करता हूँ।
अब रोगी के रूब्रिक का चयन करते हैं :-
वर्कहॉलिक मेहनती हैं, अपने व्यापार की बात और परवाह करते हैं, व्यापार की चिंता भी रहती है, मन में विचार चलते हैं, सिद्धांतवादी हैं, गलत काम नहीं कर सकते, गुस्सा आता है परन्तु दूसरों की परवाह करते है
भ्रम कि वह काला हो गए, भ्रांति एक महान व्यक्ति या राजा होने का, महत्वाकांक्षी हैं, खाने में मीठे का शौकीन हैं, रूब्रिक के आधार पर जो दवा रोगी के सभी लक्षण को कवर करती है वो है :- Sulphur
ऐसे में मैंने Sulphur 30 रोजाना 1 बार 3 दिन ले कर बंद करने को कहा। एक महीने में सोरायसिस के लक्षण में काफी सुधार हुआ जिसके कारण Sulphur 200 की 2 बून्द हफ्ते में एक बार लेने को कहा।
एक महीने बाद Sulphur 1M की single dose दिया। करीब 6 महीने में ऑटोइम्यून सोरायसिस पूरी तरह से ठीक हो गया । यहाँ सिमिलिमम का चुनाव माइंड मेथड के आधार पर हुआ।
मामले का विश्लेषण एक बार फिर से समझते हैं :- रोगी स्वभाव से काम में डूबे रहने वाला है और बिना किसी आराम के काम जारी रखना चाहता है। हम देख सकते हैं कि वह महत्वाकांक्षी है और एक तरह का जुनूनी भी।
वह इलाज कराना भूल जाता है, लेकिन उसे लगता है कि यह उसकी गलती है और वह इसके लिए किसी को दोष नहीं दे रहा है।
काम के माहौल में वह अपनी नैतिकता का पालन कर रहा है और निरंतर संघर्ष के माध्यम से कुछ हासिल करना चाहता है।
सल्फर के बारे में एक बात बता दूँ कि इसका रोगी कुछ बनने के लिए, सम्मान अर्जित करने के लिए निरंतर प्रयास और संघर्ष करता है। संघर्ष अहंकार और सम्मान के लिए है।
सल्फर के रोगी में व्यापार की इच्छा, धन कमाने की इच्छा तथा आर्थिक रूप से सुदृढ़ होने की इच्छा होती है।
Video On Psoriasis Case Study 1
Psoriasis Case Study 2
सोरायसिस सबसे आम ऑटोइम्यून त्वचा का रोग है जिसमे होमियोपैथी से सफलतापूर्वक इलाज किया जा सकता है। एक मामला जिसमे रोगी, पुरुष, उम्र 40 वर्ष, पहली बार परामर्श के लिए आये।
वे पूरे शरीर में सोरायसिस से पीड़ित थे। उनके नाखून भी प्रभावित हुए थे और टूट कर गिर रहे थे।
त्वचा में दरारें पड़ गई थीं जिनसे खून बहने लगता था, खासकर सर्दियों में समस्या बढ़ जाती थी। इन दरारों से चिपचिपा स्राव हो रहा था।
खुजली अधिक थी, रात में खुजली बढ़ जाता है, जब वह सोते हैं तो उनके सिर से पसीना आता है।
वे प्रोपीनेट एनएफ क्रीम का इस्तेमाल करते हैं, इनसे कुछ हद तक मदद मिलती है। उन्होंने ठंड के मौसम में पिंडलियों में ऐंठन की भी शिकायत की।
सोरायसिस का कोई पारिवारिक इतिहास नहीं था। शारीरिक लक्षण पूछने पर पता लगा कि :-रोगी शीत प्रकृति का है, ठण्ड से समस्या बढ़ती है। इच्छा : मिठाई, मसाले, चिकन खाने की इच्छा रहती है। यौन इच्छा में कमी है।
मानसिक लक्षण पूछने पर उन्होंने बताया कि :- मन दुःखी रहता है, परिवार से उपेक्षित महसूस करता था। “मैंने सबके लिए सब कुछ किया। आज कोई मेरी तरफ नहीं देखता”
शराब पीने, सांत्वना और धार्मिक गीत सुनने से दुःख थोड़ा कम हो जाता है, आत्महत्या के विचार आते हैं लेकिन वह परिवार की चिंता के कारण ऐसा नहीं कर पाते।
पूरा मामला सुनने के बाद 3 दवा जो सामने आया वह था :- Graphites, लेकिन उसे मिठाइयों से तीव्र घृणा होती है, जबकि रोगी को इसके विपरीत है। रोगी को मिठाइयाँ पसंद है।
Sulphur की भी संभावना है, लेकिन Sulphur उष्ण प्रकृति होता है, उसकी समस्या गर्मी से बढ़ती है। जबकि यहाँ रोगी को अत्यधिक ठंड लगती है!
कब्ज, सांस लेने की तकलीफ और थकान Calcarea Carb की ओर इशारा करते हैं, जो किए गए रेपर्टोराइजेशन में तीसरा दवा था। उन्होंने एक मुख्य बात बताई कि डरावनी कहानियों के प्रति एक बड़ी संवेदनशीलता।
इस रुब्रिक्स को जोड़ने के बाद, Calcarea Carb रोगी की मुख्य दवा निकल कर आई।
ऐसे में Calcarea Carb 1M की 2 बून्द 15 दिन में 1 बार मैंने लेने की सलाह दी, करीब 6 महीने में सोरायसिस की समस्या ठीक हो गई।
Video On Psoriasis Case Study 2
होम्योपैथी में सोरायसिस के लिए बहुत अच्छी-अच्छी दवा है, अगर नियमित और समय से खाया जाए तो यह रोग जड़ से ठीक हो जाता है।
Sulphur 200 – अगर सोरायसिस में खुजली ज्यादा होती है तो इस दवा की दो बून्द जीभ पर हफ्ते में एक बार टपका लें। नियमित प्रयोग से सोरायसिस ठीक हो जायेगा।
Ars Iod 200 – सोरायसिस में अगर खुजली करते समय भूसी सा निकलता हो तो उसकी 4 बून्द सुबह-शाम कुछ दिनों तक लेने से सोरायसिस ठीक हो जाता है।
Petroleum 200 – इस दवा का लक्षण है कि सोरायसिस सिर्फ ठण्डे मौसम में होता है और गर्मी के दिनों में ठीक हो जाता है, तो ऐसे में इस दवा की 4 बून्द हफ्ते में एक बार जीभ पे टपका लें। सोरायसिस जड़ से ठीक हो जायेगा।
Graphites 200 – जब सिर पे डैन्ड्रफ की तरह सोरायसिस हो जाए तो इस दवा की 4 बून्द हफ्ते में एक बार जीभ पे टपका लें। सोरायसिस जड़ से ठीक हो जायेगा।
Antim Crud 200 – अगर नाखुन में सोरायसिस हुआ हो और वो धीरे-धीरे टूट रहा हो तो इस दवा की 4 बून्द हफ्ते में 3 दिन जीभ पे टपका लें। नाखुन का सोरायसिस ठीक हो जायेगा।
Rhus Tox 200 – सोरायसिस के साथ अगर जॉइंट्स पेन भी है तो Rhus Tox 200 पोटेंसी की 4 बून्द हफ्ते में एक बार जीभ पे टपका लें।
Carcinosin 200 – सोरायसिस होने पे अपने लक्षण के अनुसार जो दवा ले रहे हैं लेते रहे और बीच-बीच में इस दवा की भी 4 बून्द ले लें। जिद्दी और जल्दी न जाने वाले सोरायसिस के लिए उपयोगी दवा है।
Hydrocotyle 200 – इसमें सोरायसिस का घेरा थोड़ा मोटा हो जाता है ऐसे में इसकी 4 बून्द सुबह-शाम देने से काफी लाभ मिलता है।
सोरायसिस में खुजली हमेशा नहीं रहती परन्तु फिर भी हाथ हमेशा उसपे जाता रहे और रोगी उसे खुजलाता रहे, कोई दूसरा काम न करे तो Natrum Mur 12x और Natrum Sulph 12x की 2-2 गोली बाकि दवाओं के साथ दिन में 3 बार ले लें। इससे सोरायसिस में बहुत फायदा होगा।
Ars Brom Q – सोरायसिस कैसा भी हो, किसी जगह भी हो इस दवा की 4 बून्द आधे कप पानी में खाली पेट सुबह पीने से सोरायसिस जड़ से ठीक हो जायेगा। कुछ दिनों का इसका प्रयोग अवश्य करें।
Reckeweg r65 – अगर सोरायसिस से ज्यादा परेशान हैं तो इस दवा की 10 बून्द आधे कप पानी में डाल कर दिन में 3 बार पी लें। इससे आराम आ जायेगा पर याद रखें इससे सोरायसिस जड़ से ठीक नहीं होगा ये बस तत्काल राहत के लिए है।