स्तनों का दूषित अर्बुद ही कैंसर का रूप ग्रहण कर लेता है । इसमें निम्नलिखित औषधियाँ लाभ करती हैं :-
हाइड्रेस्टिस 1x – दूषित अर्बुद की यह श्रेष्ठ औषध है। अधिक दर्द होने में हितकर है। इसके मूल-अर्क 1 ड्राम मूल-अर्क 4 औंस पानी में मिलाकर धावन की भाँति बाह्य-प्रयोग करना भी उचित है ।
कोनियम 3 – अर्बुद के कड़े दर्द भरे एवं स्पर्श-असहिष्णु होने में बहुत लाभकर है ।
आर्सेनिक 3 – कैंसर में अत्यधिक जलन, बेचैनी तथा सुस्ती के लक्षणों में लाभकर है।
आर्सेनिक-आयोड 3x – स्तन के अर्बुद में जख्म हो जाने पर यह औषध अधिक लाभ करती है ।
सिमिसिफ्यूगा 30 – यह औषध सामान्यत: बाएं स्तन की बीमारी में अधिक लाभकर है । स्तन का फूल जाना, लाल, गरम तथा दर्द-युक्त होना, भीतर गोल, चिपटा तथा कड़ा अर्बुद । जरायु अथवा डिम्बकोष में गड़बड़ी वाले स्त्रियों के रोग में विशेष हितकर है ।