डिप्रेशन एक दिमागी बीमारी है, इसमें व्यक्ति हमेशा दुखी रहता है, उसे किसी चीज की खुशी नहीं होती, वह कोई भी काम मन लगा कर नहीं कर पाता है। इसी स्थिति को डिप्रेशन कहा जाता है। आमतौर पर लोग उदास होते ही है पर जब इतने दुखी हो जाये की अन्य काम न कर सके और कही मन न लगे बस अकेले रहने का मन हो तो उस स्थिति तो ही डिप्रेशन की स्थिति कहा जाता है।
डिप्रेशन के कारण
- यदि आप शारीरिक रूप से मजबूत नहीं है, स्वास्थ्य में कुछ समस्या है तो आप डिप्रेशन के शिकार हो सकते है।
- यदि आप काफी समय से कोई दवा खा रहे है तो आपको डिप्रेशन हो सकता है।
- यदि आपके निजी जीवन में कोई तनाव या समस्या चल रही है तो उससे भी आपके मस्तिष्क पर असर पड़ता है और आप डिप्रेशन के शिकार हो जाते है।
- यदि आपके माता पिता हमेशा तनाव में रहते है तो आप भी इस तनाव के शिकार हो सकते है। यह एक अनुवांशिक समस्या भी है।
डिप्रेशन के लक्षण
- डिप्रेशन के मरीज को हमेशा आत्महत्या करने के ख्याल आएंगे और संभव है वह कोशिश भी करे।
- आपको छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा बहुत अधिक आएगा इस स्थिति में, आप हमेशा चिड़चिड़े मूड में रहेंगे।
- डिप्रेशन की समस्या में आपको भूख कम लगेगी या बहुत अधिक लगेगी, यह मानव की प्रवृति पर निर्भर करता है।
- आप अपने नकारात्मक विचारों को रोक नहीं सकेंगे और हमेशा उदास होने वाली चीजे ही दिमाग में चलती रहेंगी।
- डिप्रेशन में आपको नींद नहीं आएगी, कुछ लोगों को डिप्रेशन में बहुत अधिक नींद आती है।
- किसी भी काम में आपका मन नहीं लगेगा।
यदि इनमे से कोई भी लक्षण आपको दिखे तो आपको इसका इलाज जल्द से जल्द करना चाहिए। होम्योपैथी में डिप्रेशन के लिए बहुत अच्छे इलाज है, और दवाइयां भी है, वह निम्न है:-
Arsenicum Album 30 :- यह दवाई डिप्रेशन की समस्या के लिए बहुत ही अच्छी है, यह दवाई दिमाग पर असर करती है। इसकी चार-चार बून्द दिन में तीन बार लेनी है।
Aurum metallicum 30 :- यह दवाई डिप्रेशन की समस्या में सबसे अधिक असरदार दवाई है। मरीज अगर हमेशा आत्महत्या की बातें सोच रहा है तो यह दवाई बहुत ही असदार है, यह दवाई भी दिन में तीन बार चार-चार बून्द पीना है।
Staphysagria 200 :- यदि मरीज हमेशा उदास रहता है और किसी काम में मन नहीं लगता तो यह दवाई बहुत ही असरदार है। इसकी भी चार-चार बून्द दिन में दो बार देनी है।
Natrum sulphuricum 200 :- अगर मरीज गाने सुन कर उदास हो जाता है और डिप्रेशन की स्थिति तक उदास हो जाता है तो यह दवाई दी जानी चाहिए। ऐसे मरीज को यह दवाई या फिर Thuja 200 सप्ताह में एक दिन देना चाहिए।
Lycopodium 200 :- अगर किसी व्यक्ति में हीनभावना अधिक हो जाये और वह अपने आपको कम आंकने लगे तो यह दवाई उस समस्या के लिए बहुत ही असरदार है। इस दवाई को सप्ताह में केवल दो बार देना है।
Platinum Metallicum 200 CH :- अगर व्यक्ति अपने आपको सबसे आगे समझने लगे और अपने आगे किसी को कुछ समझे ही न तो यह दवाई बहुत ही लाभदायक है। इसकी चार बून्द रोज सुबह-सुबह देनी है।
Casticum 200 :- यह दवाई हफ्ते में दो बार देनी है, वह व्यक्ति जो हमेशा उदास रहता है और उसे हर जगह बुराई ही दिखती है तो उसे यह दवाई लेनी चाहिए।
Lachesis 200 :- जिन महिलाओं में दूसरों के प्रति जलन पैदा हो जाती है, खासकर मासिक धर्म के खत्म होने के बाद तो उन्हें यह दवाई लेनी चाहिए। इसको दिन में एक बार चार बून्द पीना है।
Natrum Muriaticum 200 :- यदि कोई व्यक्ति बहुत रोता है और किसी के समझाने पर भी वह नहीं मानता तो उसे यह दवाई देनी चाहिए। इसे सप्ताह में दो बार देनी है।
Cimicifuga Racemosa 200 :- जिन लोगों का मूड हमेशा खराब रहता है और हमेशा चिड़चिड़े रहते है उन्हें यह दवाई लेनी चाहिए। इसकी चार बून्द दिन में दो बार देनी है कुछ दिन तक जब तक उसका मूड ठीक न हो जाये।
Phosphoric Acid 200 :- वह लोग जो डिप्रेशन में बहुत अधिक सोते है उन्हें यह दवाई लेनी चाहिए, यह दवाई चार-चार बून्द रोज सुबह लेना है।
नोट :- आपको ऊपर दी गई दवाइयों में से केवल वह दवाई पीना है जिससे आपके लक्षण मिलते हो, यदि आप कोई दो दवाइयां लेते है तो उनके बीच 15 मिनट का अंतर जरूर रखे। इनके अतिरिक्त आप Kali Phos 30 भी ले सकते है अगर ऊपर दी गई दवाइयों में से आपकी समस्या न मिले तो, यह दवाई भी दिमागी समस्याओं और डिप्रेशन में असरदार है।