गर्मी से बचाव – प्रात: टमाटर का रस पीने से गर्मी शान्त रहती है। गर्मी से जी नहीं घबराता। कमजोरी में टमाटर का रस पीते रहना लाभदायक है। एण्टी-अॉक्सीडेण्ट्स चीजें खाने से रोगों से बचाव होता है। टमाटर, गाजर में एण्टी-ऑक्सीडेण्ट्स पाये जाते हैं। टमाटर शक्ति और सौन्दर्य का भण्डार है। खाद्य पदार्थों का सेवन उनकी प्राकृतिक अवस्था में करने से लाभ अधिक होता है। टमाटर, गाजर, मूली कच्ची ही खाना अधिक लाभदायक है।
सलाद – टमाटर, गाजर, मूली, खीरा, प्याज आदि में से जो भी मिले, उन्हें काटकर धनिया, पोदीना, काला नमक, नींबू, नींबू के बदले ताजा दही, मीठा करने के लिए प्याज के स्थान पर कच्चा नारियल, गुड़ या शहद मिलाकर सौ ग्राम खाने से पौष्टिक भोजन मिल जाता है। दोपहर के भोजन में सलाद खानी चाहिए। टमाटर से अधिकाधिक लाभ लेने के लिए इसे सलाद में खायें।
चटनी – टमाटर, हरा घनिया की पत्ती, दो कली लहसुन नमक मिलाकर पीसकर चटनी बनाकर दिन में भोजन के समय खाने से भूख अच्छी लगती है, भोजन जल्दी पचता है, खनिज लवण और विटामिन मिल जाते हैं। टमाटर रक्त साफ करता है। छाछ (मट्ठा) और टमाटर के गुण समान हैं। टमाटर भोजन और औषधि दोनों ही है। टमाटर खट्टा होने से नहीं खाया जाये तो चीनी मिला लें।
लाइकोपिन लाल – पीले रंग के फलों व सब्जियों में पाया जाता है। टमाटर में लाइकोपिन भरपूर मात्रा में मिलता है। लाइकोपिन ‘फ्री रेडिकल्स’ को समाप्त कर देता है।
लाइकोपिन बहुत शक्तिशाली एन्टीआक्सीडेंट है जो विटामिन-सी’ से ज्यादा प्रभाव वाला होता है और गम्भीर बीमारियों, जैसे-कैंसर को रोकता है और कैंसर होने पर हर अंग के कैंसर में लाभदायक है। लाइकोपिन से फेफड़े, हृदय और पेट की कार्यप्रणाली सुचारु रूप से चलती है। लाइकोपिन इम्यून सिस्टम की कार्यप्रणाली को तेज करता है और डिजेनरेटिव बीमारियों के पनपने की गति को धीमा करता है।
टमाटरों से प्राप्त एंटी आक्सीडेंट्स सीधे रक्त में जाने के लिए टमाटर कच्चे नहीं खायें। टमाटरों को पकाकर खायें। टमाटर के प्रोसेस्ड भोज्य पदार्थ-टोमेटो सॉस, सूप आदि लें। अपने भोजन में नित्य टमाटर खायें और जानलेवा बीमारियों से बचें। टमाटर हर प्रोस्टेट कैंसर में लाभदायक है।
टमाटर में ताँबे की अधिकता होती है जो रक्त में स्थित लाल कणों को बढ़ाता है। टमाटर भूख बढ़ाता है तथा शक्तिवर्धक है। टमाटर में लोहा दूध से दुगुना होता है। एक बड़ा, ताजा लाल टमाटर नित्य खाने से व्यक्ति अनेक रोगों से बचा रहता है।
चूना (Lime) – चूना टमाटर में अन्य फल-सब्जियों की अपेक्षा अधिक पाया जाता है। चूना हड्डियों को मजबूत बनाता है। दाँतों एवं हड्डियों की कमजोरी दूर करने के लिए टमाटर का सेवन उपयोगी हैं।
लोहा (Iron) – टमाटर में लोहा तत्व बहुत अधिक परिमाण में पाया जाता है। गर्भावस्था में लौह तत्व की प्रतिदिन आवश्यकता होती है। टमाटर का सेवन इसलिए लाभदायक है। टमाटर में लोहा अण्डे से पाँच गुना अधिक होता है। एक गिलास टमाटर का रस पीने से रक्तहीनता दूर होकर रक्त-वृद्धि होती है।
फरास – एक कप लाल टमाटर के रस में एक चम्मच चीनी मिलाकर नित्य बालों की जड़ों में लगाकर पन्द्रह मिनट बाद सिर धोयें। एक सप्ताह में फरास हट जायेगी।
चेहरे के काले दाग धब्बे, झाँड़याँ व मुँहासे – टमाटर का रस 100 ग्राम, गाजर का रस 100 ग्राम, पालक का रस 100 ग्राम, शहद 50 ग्राम या आवश्यकतानुसार, सभी को मिलाकर प्रात: काल खाली पेट नित्य पीने से त्वचा के दाग-धब्बे, मुँहासे, झाँइयाँ आदि दूर होकर मुखड़ा टमाटर के समान सुर्ख हो जाता है। इस प्रयोग के आगे सारे सौन्दर्यप्रसाधन पूर्णत: विषाक्त हैं। लाल टमाटर काट कर, पिसी हल्दी बुरककर नित्य तीन बार चेहरे को मलें। 15 मिनट बाद धोयें।
सौंदर्यवर्धक – टमाटर के रस में नीबू के रस की कुछ बूंदें मिलाकर चेहरे पर लगायें और इससे चेहरा रगड़कर 15 मिनट बाद धोयें। चेहरा साफ होकर मुलायम व चमकदार हो जायेगा। चेहरे के काले दागों को मिटाने के लिए टमाटर के रस में रुई या गाज भिगोकर दागों पर मलें। काले धब्बे साफ हो जायेंगे।
दमा – टमाटर फेफड़ों की कार्यक्षमता को बढ़ाते हैं। जो लोग दमा (अस्थमा) या अन्य किसी श्वास रोग से पीड़ित हों, उनके लिए टमाटर रामबाण हैं।
कूकर खाँसी, कफ (बलगम) – कफ गला और फेफड़ों में जम जाता है। घर्र-घर्र की आवाज साँस के साथ निकलती है। टमाटर का सूप पिसी हुई कालीमिर्च या लालमिर्च डालकर बनाकर गर्मा-गर्म चार बार नित्य पीने से लाभ होता है। टमाटर का सूप कफनाशक है।
जुकाम, खाँसी – (1) तीन लौग, जरा-सी अदरक डालकर टमाटर का सूप बनाकर गर्मा-गर्म नित्य तीन बार पीने से जुकाम, खाँसी ठीक हो जाती है। (2) टमाटर, अदरक का गर्म सूप नित्य दो बार पियें।
पाचन-शक्तिवर्धक – टमाटर बड़ी आँत को ताकत देता है, अाँखों के घाव दूर करता है एवं पाचन-शक्ति ठीक करता है। टमाटर का निरन्तर सेवन करने से कब्ज़ नहीं होती तथा दस्त साफ होता है; आफरा दूर होता है। आमाशय साफ रहता है। आमाशय के विष को बाहर निकालकर हमें नीरोग रखता है। यूरोप तथा अमेरिका में दूध पीने वाले बच्चे को टमाटर का रस पिलाया जाता है।
कृमि-नाशक – भूखे पेट सुबह-शाम दो बार, 21 दिन तक लाल टमाटर पर पिसी हुई कालीमिर्च, नमक डालकर खाने से पेट के कृमि मर जाते हैं।
मधुमेह – इसके लिए टमाटर बहुत लाभदायक है। टमाटर की खटाई शरीर में शर्करा की मात्रा घटाती है। मूत्र में शक्कर जाना धीरे-धीरे कम हो जाता है।