बिस्तर पर पेशाब करने की होम्योपैथिक दवा
अगर आपका बच्चा रात में बिस्तर पे पेशाब कर देते हैं, उसे Bed Wetting की प्रॉब्लम है तो इस पोस्ट में हम इस समस्या के लिए होम्योपैथिक मेडिसिन के बारे में जानेंगे।
बच्चों और कभी-कभी बड़ों में भी ये समस्या देखी गई है कि वो रात में बिस्तर पे पेशाब कर दिया करते हैं। इसके पीछे का कारण ये है कि जब हम बड़े हो जाते हैं तो हमारा urinary bladder हमारे कन्ट्रोल में होता है, उसके भरते ही हमारे दिमाग में सिग्नल चला जाता है कि urinary bladder भरा हुआ है और उसे निकालने की जरुरत है। बच्चों के दिमाग और नर्वस सिस्टम के बीच का ताल मेल बड़ों जैसा नहीं होता और उनमे involuntary urination की प्रॉब्लम होती है। ज्यादातर 7 साल के उम्र तक ये समस्या ठीक हो जाती है।
बिस्तर पर पेशाब करने का मुख्य कारण
वास्तविक रूप में इसका कारण अभी तक ज्यात नहीं किया जा सका है परन्तु कुछ थ्योरी है जिसका उल्लेख कर रहा हूँ।
- अगर रात में बच्चे को ज्यादा पानी या दूध पिला दिया जाता है तो उसका urinary bladder कुछ घंटों बाद भर जाता है और उसे बिस्तर गीला करने की आदत लग जाती है।
- रात में अच्छे से न सोना और सपने आने के कारण भी ऐसा हो जाता है।
- Bladder contraction भी इसका एक मुख्य कारण है।
- किसी-किसी बच्चे को सीखने और समझने में देर लगती है उनको Neurological development defect होता है और ऐसे बच्चों को ये समस्या हो जाती है।
- अनुवांशिकता भी इसका एक कारण है कि अगर माता या पिता में से किसी को ऐसी समस्या थी तो बच्चों को भी हो जाती है।
- बड़ों में ऐसी समस्या ज्यादा अल्कोहल पीने के कारण हो सकती है।
- अगर बच्चे चॉकलेट या कॉफी का सेवन ज्यादा करते हैं तो भी ये समस्या होने की सम्भावना होती है।
- 90 से 95 % लड़कियों को ये समस्या 6 साल के उम्र तक ठीक हो जाया करती है।
Bistar Par Peshab Karne ka Homeopathic dawa
WSI की mama natura : – ये मेडिसिन मीठी और छोटी-छोटी गोलियों के रूप में मिलती है। अगर बच्चा 3 साल से बड़ा है और उसे बेड वेटिंग की समस्या है तो 3 गोली दिन में 3 बार देना है। बच्चा अगर 6 साल से बड़ा है तो उसे 6 गोली दिन में 3 बार देना है। इसके कंपोनेंट्स के बारे में जानते हैं :- इसमें मिली हुई है Acid Phos, ferrum phos, petroselinum, staphysagria, Kreosotum, Tabacum और Atropinum ये सभी मेडिसिन नर्वस सिस्टम को अच्छा करती है और बेड वेटिंग की समस्या में उपयोगी है। इसका मूल्य 110 रूपए है और इसे किसी भी होम्योपैथिक स्टोर से प्राप्त कर सकते हैं। इसे 6 महीने तक बच्चे को खिलानी है और इसके सेवन से धीरे-धीरे बेड वेटिंग की समस्या ठीक हो जायेगा।
Equisetum H. Mother Tincture : – ये दवा नर्वस सिस्टम और bladder contraction को अच्छा करता है। जो बच्चे दिन और रात दोनों समय बेड वेटिंग करते हैं उन्हें ये ठीक करता है। इसकी 10 बून्द को आधे कप पानी में दिन में 2 बार देना है।
नोट :- सबसे पहले WSI की mama natura खिलाएं और उसके आधे घण्टे बाद Equisetum H. Mother Tincture दें। दूसरी दवा कड़वी है और अगर बच्चा पी नहीं पाए तो उसमे शहद मिला दें। इन दवा का कोई भी साइड इफेक्ट नहीं है तो इन दोनों दवा के प्रयोग से बेड वेटिंग की समस्या 6 महीने में पूरी तरह ठीक हो जाएगी।
Case Study On Bedwetting
इस लेख में हम Bedwetting के एक केस की चर्चा करेंगे कि कैसे होमियोपैथी दवाओं से इस समस्या को ठीक किया गया।
10 साल की एक लड़की अपने पिता के साथ मेरे क्लिनिक पर आई, जिन्होंने पिछले 5 वर्षों में बिस्तर गीला करने की वर्तमान शिकायत के साथ अपने पूरे मामले का विस्तार से वर्णन किया। हर प्रकार का इलाज करवा कर थक चुके थे, एलोपैथी, होमियोपैथी, आयुर्वेदिक, परन्तु लाभ नहीं मिला।
रोगी रात और दिन में भी बिस्तर गीला करने की शिकायत के साथ आया था; पिछले 5 वर्षों से एक भी ऐसी रात नहीं है जब पेशाब नहीं हुआ हो। कई बार वह रात में 2-3 बार पेशाब कर देती है।
रात में किसी प्रकार का कोई डरावना सपना नहीं देखती है।
उपचार का इतिहास ऐसा रहा कि एक एलोपैथिक बाल रोग विशेषज्ञ से परामर्श किया गया था और कोई विशेष सुधार नहीं होने के कारण 2 वर्षों से इलाज चल रहा था। बाद में 6 महीने होम्योपैथिक इलाज भी किया जा चूका था।
पिछला इतिहास देखें तो जन्म के बाद से कोई बड़ी बीमारी या कोई उल्लेखनीय घटना नहीं हुई थी।
पारिवारिक इतिहास देखें तो किसी भी व्यक्ति का बिस्तर पर पेशाब करने का कोई पारिवारिक इतिहास नहीं था।
बच्चे का बढ़ने का इतिहास पूछने पर पता लगा कि :-
- गर्दन पकड़ना – 4 वां महीना से आरंभ हुआ
- थोड़ा-थोड़ा बोलना – 7 वां महीना
- क्रॉलिंग – 9 वां महीना।
- बिना सहारे के बैठना – 10 वें महीने
- बिना सहारे के चलना – 14 वां महीना।
- मीनिंग फूल शब्द का इस्तेमाल करना – 18 महीने बाद।
बच्चे का व्यक्तिगत इतिहास इस प्रकार :-
- शाकाहारी
- भूख में कमी, एक रोटी भी नहीं खा पाती
- प्यास: मध्यम
- मल: नियमित एक बार प्रति दिन, नरम।
- मसालेदार भोजन खाने की इच्छा होती है।
जन्म इतिहास देखें तो : नॉर्मल डिलीवरी हुआ। पूरे कार्यकाल के दौरान माँ की गर्भावस्था बिल्कुल स्वस्थ थी। माँ को उच्च रक्तचाप, मधुमेह, हाइपोथायरायडिज्म का कोई मामला नहीं था।
उसके पिता ने बताया कि वह पढ़ाई में अच्छी है, आसानी से लोगों से घुल-मिल जाती है। वह लोगों के सामने बिना किसी डर के खुलकर बोलती है और लगभग सभी स्कूली वाद-विवादों में जीत हासिल की है, जिसमें उसने भाग लिया है, फिर भी वह अंदर से डरपोक है। जब दूसरे लोग झगड़ रहे हों तो वह दर्द बर्दाश्त नहीं कर सकती है और सहानुभूति प्रतिक्रिया देती है। वह इतनी संवेदनशील हैं कि फिल्मों में होने वाली लड़ाई को भी बर्दाश्त नहीं कर पाती हैं। अगर उसे सड़क पर कोई भिखारी दिखाई देता है तो वह मदद करना चाहती है।
लक्षणों की समग्रता:
- रात और दिन में बिस्तर गीला करना।
- मसालेदार खाना चाहता है।
- जब दूसरे लोग झगड़ा कर रहे हो तो वह बर्दाश्त नहीं कर सकती यहाँ सहानुभूतिपूर्ण (प्रतिक्रिया) दिखती है।
- ठण्ड के प्रति संवेदनशील।
लक्षणों का विश्लेषण करने के बाद, कास्टिकम 200 की 1 खुराक 10 दिन में एक बार लेने को मैंने कहा
इस मामले का विश्लेषण बिना किसी repertorization के किया गया था, क्योंकि हमने केस लेते समय पिता द्वारा बताया गया संवेदनशील प्रतिक्रिया को पाया।
दवा के 7 दिनों के बाद
पिता ने कहा कि मरीज ने पिछले सप्ताह से नींद के दौरान केवल दो बार पेशाब किया है।
समस्या में 50% सुधार हुआ है।
दवा के 30 दिनों के बाद
- रोगी ने पिछले 10 दिनों में केवल एक बार दिन की नींद के दौरान पेशाब किया है।
- पिछले 10 दिनों में रात में कोई बेडवेटिंग नहीं हुई है।
- भूख में सुधार हुआ है। उसके पिता ने कहा कि वह अब खाना मांगती है।
- रोगी 75% बेहतर है।
दवा के 60 दिनों के बाद
- पिछले महीने रात में एक बार भी बिस्तर गीला नहीं किया।
- आम तौर पर बेहतर महसूस करना।
- कोई नई शिकायत नहीं आई है।
होम्योपैथिक दवा के साथ Bedwetting का सफलतापूर्वक इलाज किया जा सकता है। एक सकारात्मक दृष्टिकोण और प्रेरणा उपचार के महत्वपूर्ण घटक हैं।