इस पोस्ट में हम hypothyroidism ( थायराइड ) की होम्योपैथिक दवा के बारे में जानेंगे। हमारे ब्रेन के नीचे एक Pituitary gland होती है, इसी gland से एक TSH ( थायरॉयड उत्तेजक हार्मोन ) निकलता है जोकि थायरॉयड gland में जाकर उसे निर्देश देता है की कितनी मात्रा में और कोन सा हार्मोन (T3, T4) को निकालना है। T3, T4 हार्मोन का काम होता है हमारे शरीर को ग्रोथ करना, हमारे शरीर को बनाए रखना, मोटापा कितनी होनी चाहिए ये बताना, खाना पचाना, metabolism को अच्छा रखना इत्यादि।
Hypothyroidism होता क्या है ?
Hypothyroidism में हमारे थायरॉयड gland से T3, T4 हार्मोन सही अनुपात में नहीं निकलते। T3, T4 हार्मोन का सही से नहीं निकलने के कारण जो हमारे ब्रेन से TSH हार्मोन निकलता है वो ज्यादा मात्रा में निकलने लगता है क्यों कि उसे T3, T4 हार्मोन को balance करना होता है। अब अगर TSH हार्मोन का लेवल 5.5 से ज्यादा होता है तो शुरुआती Hypothyroidism हो जाया करता है। दो तरह का Hypothyroidism होता है।
(1) Primary Hypothyroidism
(2) Secondary hypothyroidism
Primary Hypothyroidism में TSH हार्मोन ज्यादा निकलता है क्योकि उसे T3, T4 हार्मोन को balance करना होता है परन्तु बाद में Secondary hypothyroidism लेवेल तक TSH हार्मोन निकलना बहुत कम हो जाता है। अगर Primary Hypothyroidism के समय आपने मेडिसिन नहीं लिया या अपने खाने-पीने और रहन-सहन में बदलाव नहीं किया तो वो Secondary hypothyroidism तक पहुंच जाता है।
Hypothyroidism के कारण
Hypothyroidism का मुख्य कारण है आयोडीन की कमी। अगर हमारे शरीर में आयोडीन की कमी है या हमारे खाने-पीने में आयोडीन का स्रोत कम है तो Hypothyroidism हो जाया करता है। ठण्डे-प्रदेश में रहने के कारण भी Hypothyroidism होने के chances रहते हैं।
Hypothyroidism के लक्षण
- Hypothyroidism में हमें ठण्ड ज्यादा लगती है, Hypothyroidism के शुरुआत में सर्दी-खांसी ज्यादा हुआ करती है।
- हमें कमजोरी और सुस्ती ज्यादा महसूस होती है।
- कब्ज की शिकायत रहेगी, बार-बार जाना पड़ेगा फिर भी अच्छे से शौच नहीं हुआ करेगा।
- अचानक से वजन बढ़ने लगेगा और आप मोटापा के शिकार हो जायेंगे। शरीर थुलथुला हो जायेगा। पैर और हाथ में सूजन होने लगेगा।
Note :- पुरुष की अपेक्षा ये महिलाओं को अधिक हुआ करती है।
Hypothyroidism Case 1
यह 45 साल की महिला, जो प्रोफेसर के तौर पर काम करती है, उन्होने हाइपोथायरायडिज्म की समस्या के लिए मुझसे परामर्श किया। करीब 2 साल पहले उन्होंने यह समस्या हुई थी।
वो अपने थायरॉयड प्रोफाइल लैब टेस्ट के साथ आई थी और उनका टीएसएच लेवल 9.24 था, टी3 और टी4 नार्मल था। जब मैंने उनसे उनके बारे में पुछा, तो उन्होंने कहा :-
मैंने वह सब कुछ हासिल किया जो मैं चाहती थी। मैंने अपने लिए एक कैरियर चुना, प्यार के लिए शादी की, और मेरा एक बच्चा है। मैंने तीन संस्थाओं के साथ काम भी किया।
मेरे पति ने बहुत बार नौकरी बदली और केवल यही बातें मुझे बहुत परेशान करती हैं। उनकी तरफ से मैं हमेशा तनाव में रहती हूँ, हालांकि उन्होंने मेरे और परिवार के प्रति अपनी सारी जिम्मेदारियां पूरी की हैं।
वह अभी कोई काम नहीं कर रहे है। अगर कोई मुझसे पूछे कि वह क्या कर रहे हैं तो मेरे लिए इसका जवाब देना मुश्किल हो जाता है। मुझे गुस्सा आता है कि उन्होंने मुझे ऐसी स्थिति में डाल दिया।
नौकरी सामाजिक स्थिति के लिए महत्वपूर्ण है। अगर मुझे शादी से पहले पता होता कि वह बार-बार नौकरी छोड़ने वाले है तो मैं उनसे शादी ही नहीं करती। मुझे लगता है कि उन्हें संघर्ष करना चाहिए।
ऐसे में मुझे असहाय महसूस हो रहा है। हर व्यक्ति को करियर ओरिएंटेड होना चाहिए। मैं स्वभाव से जिद्दी हूँ।
मैं वर्कहॉलिक, दृढ़निश्चयी, करियर ओरिएंटेड हूं। मैं अभी केवल एक शौक के तौर पर MBA कर रही हूँ, और मैं छात्रों की तरह पूरे पाठ्यक्रम का अध्ययन करती हूँ। लोग मुझसे सलाह लेते हैं और उन्हें लाभ होता है।
मेरे आसपास के ज्यादातर लोग आसानी से मेरे करीब नहीं आते। मेरे बहुत कम दोस्त हैं। मैं बहुत धार्मिक हूं, भगवान पर मेरा पूरा भरोसा है। बिना पूजा किए मैं अधूरा महसूस करती हूं।
मेरे पिता मेरी मां पर हावी रहते थे। मुझे लगा कि मेरी मां को अपने लिए स्टैंड लेनी चाहिए। मैं मन से मजबूत हो गई हूँ क्योंकि मेरी माँ बहुत लचीली थी और हर बात के लिए राजी हो जाती थी।
शारीरिक लक्षण देखें तो :- भूख : अच्छी, दूध, दही, आलू खाने की इच्छा रहती है। प्याज, लहसुन से घृणा इसकी गंध नहीं पसंद, प्यास: मध्यम, पसीना: चेहरा, नींद : गहरी नींद, ठण्ड बर्दास्त नहीं होता था, रोगी शीत प्रकृति की है।
रूब्रिक देखें तो हम पाएंगे कि – रोगी भावुक, काम में डूबे रहने वाला व्यक्ति है। उसकी निर्णय लेने की शक्ति अधिक है और वह सकारात्मकता और उत्साह से भरी है।
जिद्दी है, सकारात्मकता सोच वाली है। जुनूनी है, विरोधाभास से गुस्सा और चिड़चिड़ापन होता है। धार्मिक लगाव है। रोगी के मानसिक और शारीरिक लक्षण को फेरम मेटालिकम अच्छे से कवर करता है।
फेरम (लोहा) पीरिऑडिक टेबल के चौथे आवर्त में स्थित है। धातुओं की इस पंक्ति का संबंध प्रदर्शन और रक्षा से है। किसी की इच्छा के विरुद्ध कुछ करने के लिए मजबूर होना।
इसका एक लक्षण है, Always in the right” वह अपने रवैये में कठोर हो जाता है। चिड़चिड़ापन के साथ आशावादी स्वभाव वाला होता है।
रोगी के मामले का केंद्रीय विषय फेरम मेट के इर्द-गिर्द घूमता है, यानी निर्णय लेने वाला, दृढ़, भावुक, मेहनती, काम में डूबे रहने वाला, सकारात्मक, उत्साही।
ऐसे में फेरम मेटालिकम 200 की 2 बून्द हफ्ते में एक बार लेने की मैंने सलाह दी। करीब 3 महीने में टीएसएच लेवल 4.5 आ गया।
Video On Hypothyroidism
Hypothyroidism Case 2
एक 34 वर्षीय महिला ने पिछले 6 महीनों से तुरंत थकान महसूस करना और वजन बढ़ने की शिकायत की। उसे थायरॉयड ग्रंथि में सूजन थी।
थायरॉइड प्रोफाइल करवाया तो पाया गया कि TSH लेवल 150 से अधिक है और हाइपोथायरायडिज्म पाया गया । मुख्य शिकायत देखें तो :-
6 महीने से वजन में बढ़ोतरी और आसानी से थक जाना, पिछले 5 साल से लेफ्ट साइड सिरदर्द भी रहता था, 6 महीने से मासिक धर्म जल्दी और अधिक, 6 महीने से लेफ्ट ब्रेस्ट में दर्द।
रोगी ने सबसे पहले 6 महीनों से थकान और वजन बढ़ने की शिकायत पर जोर दिया।
शारीरिक लक्षण देखें तो :- गोरा रंग, भूख-सामान्य, प्यास-सामान्य
मानसिक लक्षण देखें तो :- चिड़चिड़ापन उनके स्वाभाव में है, कार्य करना पसन्द नहीं करती, विरोधाभास से तुरंत गुस्सा हो जाना। थायरॉइड ग्रंथि पर हल्की सूजन साफ़ नज़र आ रही थी।
सभी शारीरिक और मानसिक लक्षण देखने के बाद Bromium इस रोगी की सबसे उचित दवा नज़र आई।
ब्रोमियम में एक विशेष बात है कि शरीर की गिल्टियां बढ़ कर पत्थर की तरह सख्त हो जाती हैं, जैसे थायराइड, गर्दन, जबान और जबड़े के नीचे की गिल्टियां।
घेंघा (Goitre) को ठीक करने के लिये यह एक उत्तम औषधि है, मुर्गी के अण्डे के आकार से भी बड़े-बड़े घेंघे इस दवा से आसानी से आराम होते देखा गया है।
ऐसे में Bromium 30 की 2 बून्द सुबह और शाम मैंने लेने की सलाह दी। एक खास बात Bromium दवा के साथ दूध और टेबल सॉल्ट को परहेज करने की सलाह दी जाती है। ये दोनों दवा के क्षमता को कम कर देते हैं।
करीब 4 महीने में TSH लेवल 5 से नीचे आ गया और वजन और थकान में बाहर सुधार भी मिल गया।
यहाँ ब्रोमियम को constitutional totality के आधार पर चुना गया था इसने न केवल टीएसएच स्तर को कम करने में बल्कि संबंधित लक्षणों को कम करने का काम किया ।
Video 2 On Hypothyroidism
Hypothyroidism का होम्योपैथिक दवा
Thyroidinum 30 – ये थायरॉइड के लिए बहुत ही अच्छी मेडिसिन है, इसे दिन में 3 से 4 बार दो-दो बून्द लें। थायरॉइड जैसे ही नार्मल हो जाये तो उसकी दो बून्द दिन में सिर्फ एक बार लें।
Iodum 30 – इस दवा में Hypothyroidism के सारे लक्षण मिलते हैं, इसकी दो बून्द सुबह-शाम लेने से शरीर में आयोडीन की कमी दूर हो जाती है।
Rakwage R51 – R51 की 10 बून्द एक चम्मच पानी में डालकर खाना खाने से एक घंटे पहले दिन में दो बार लें। ये Hypothyroidism की बहुत ही अच्छी मेडिसिन है। R51 के components हैं :-
Belladonna 30 जो की थायरॉइड की बहुत अच्छी मेडिसिन है।
Iodum 30 इसके बारे में बताया जा चूका है।
Natrum carb 30 और lapis albus 30, ये सभी R51 में मिले हुए हैं। Reckeweg R51 की कीमत 200 रूपए है और आप इसे किसी भी होम्योपैथिक स्टोर से खरीद सकते हैं।
अगर आपको Hypothyroidism है और आपकी thyroxine चल रही है तो चलने दें और साथ में बताये गए होम्योपैथिक दवा भी लेने से आपको बहुत ही अच्छे रिजल्ट मिलेंगे। हल्का व्यायाम जरूर करें।