रात या दिन में सोते समय जब किसी व्यक्ति को कोई कामुक स्वप्न दिखकर या विना स्वप्न दिखे ही अनजाने में वीर्य स्खलित हो जाता है तो जल्दी-जल्दी उत्पन्न होती है तो यह शरीर को कमजोर कर देती है अतः इस स्थिति पर नियन्त्रण पाना जरूरी है ।
एसिड फॉस 12, 30- सभी प्रकार के अनैच्छिक वीर्यपात (जिसमें स्वप्नदोष भी शामिल है) में अत्यन्त लाभकर है । जननेन्द्रिय शिथिल पड़ गई हो, रोगी हस्तमैथुन का आदी हो या आदी रह चुका हो, शारीरिक और मानसिक दुर्बलता आने लगी हो- इन सभी लक्षणों में लाभप्रद है ।
डिजिटेलिस 3x- एसिड फॉस से लाभ न होने पर इस दवा की प्रतिदिन केवल एक मात्रा प्रात:काल नाश्ते के बाद लेनी चाहिये ।
थूजा Q- इस दवा की प्रतिदिन केवल पाँच बूंदें ही जल में मिलाकर देने से लाभ होता देखा गया है ।
स्टैफिसेग्रिया 6, 30- अश्लील स्वप्न दिखने के साथ ही वीर्यपात हो तो इस दवा का प्रयोग करना चाहिये ।
फॉस्फोरस 30- स्वप्नदोष होता हो जिससे स्नायविक दुर्बलता आ गई हो, अत्यधिक उत्तेजना रहती हो जिस कारण हस्तमैथुन करना पड़ जाये तो इस दवा के सेवन से लाभ होता है ।
कोनियम 30- स्वप्नदोष हो जिसके कारण पीठ में दर्द भी रहता हो, कामेच्छा होने पर भी जननेन्द्रिय उत्तेजित न हो तो इन लक्षणों में यह दवा लाभ करती है ।
बैराइटा कार्ब 30- स्वप्नदोष की उत्तम दवा है । साधारण प्रकार के स्वप्नदोष में प्रयोग करनी चाहिये ।
ऑरम मेट 12, 30- स्वप्नदोष होने के कारण रोगी सदैव उदास रहे, पदार्थ निकलता हो तो इन लक्षणों में देनी चाहिये ।
चायना 30- स्वप्नदोष के कारण आलस्य, भूख न लगना, जननेन्द्रिय का बार-बार उत्तेजित होना, कमजोरी- इन लक्षणों में दें ।